– कृषि विश्वविद्यालय – इफको की ओर से नैनो उर्वरक उपयोग किसान सम्मेलन आयोजित
नारद तिंवरी। जिले के किसानों के लिए कृषि विश्व विद्यालय व इफको ने नैनो उर्वरक उपयोग किसान सम्मेलन का आयोजन कर नैनो यूरिया के उपयोग और पौधो को होने वाले लाभ के बारे में बताया। कार्यक्रम में भाग लेते हुये इफको जोधपुर के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक जितेंद्र कुमार भाकर ने रासायनिक उर्वरकों से मानव स्वास्थ्य व प्राकृतिक संसाधनों जल,जमीन व जलवायु पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों तथा देश के आर्थिक नुकसान पर विस्तृत जानकारी दी। इन्होंने यूरिया के प्रयोग को कम कर इफको नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ाने का आह्वान किया। इन्होंने बताया कि नैनो यूरिया (तरल) पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करने का अच्छा स्रोत है। पौधों के अच्छे विकास में नाइट्रोजन अहम भूमिका निभाता है। नैनो यूरिया विश्व में विकसित पहला पेटेंटेड नैनो उर्वरक है, जिसे इफ्को-नैनो बायो टेक्नॉलाजी रिसर्च सेंटर ने स्वदेशी तकनीकी से विकसित किया है। यूरिया जैसे पारंपरिक नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के प्रयोग में 50 प्रतिशत तक की कटौती नैनो यूरिया से की जा सकती है।
नैनो यूरिया के लाभ
भाकर ने बताया कि नैनो यूरिया का उपयोग सभी तरह की फसलों में कर सकते हैं। नाइट्रोजन उपयोग क्षमता बढ़ाता है। फसल की पैदावार की प्रभावित किए बिना यूरिया और अन्य नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों की बचत से नैनो यूरिया की एक बोतल (500 मिली लीटर) एक बैग यूरिया (45 किलोग्राम) के बराबर है।




ज्यादा फसल उत्पादन, किसानों को लाभ
भाकर के अनुसार नैनो यूरिया से फसलो की गुणवत्ता व पोषकता में वृद्धि होती है। पर्यावरण को यूरिया उर्वरक के अंधाधुध प्रयोग से होने वाले कुप्रभाव से बचाता है। जिससे मृदा, वायु और जल प्रदुषित होने से बच सकेंगे। जमीन में अगर कम पानी है,तो भी फसल पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। प्रसार शिक्षा निदेशक डा ईश्वर सिंह ने किसानों को,उन्नत कृषि तकनीकी अपनाकर , कम खर्च में अधिक उत्पादन लेने तथा मूंगफली , कपास की फसल में सूक्ष्म तत्वों की कमी, कीट व बीमारियां के नियंत्रण की जानकारी दी। उप प्रसार निदेशक डा महेंद्र चौधरी, ने किसानों को विश्वविधालय में उपलब्ध जीरा , सरसों , आदि फसलों के उन्नत बीज के जानकारी दी। सहकारी समिति व्यवस्थापक प्रेमचंद चौधरी ने सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में समिति सहायक व्यवस्थापक मोतीराम चौधरी, महेंद्र कुमार, इफको बाजार से दिनेश कुमार, सहित बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।