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मां बाप किडनी देने को तैयार, ट्रांसलेट में आड़े आ रही आर्थिक तंगी

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– तीन साल से बेटी के इलाज से कर्जदार हुआ परिवार बीमारी के कारण छुटी बेटी की पढ़ाई परिवार ने लगाई मदद की गुहार

नारद भोपालगढ़। कस्बे की कॉलेज छात्रा इलाज के अभाव में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है । जिस कारण बीमार बेटी का पिता इलाज कराते कराते थक चुका है । वर्तमान में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बेटी के इलाज में पिता की सारी जमापूंजी लगा चुका हैं , लेकिन बेटी को बीमारी से निजात नहीं मिल सका । ऐसी स्थिति में उनका परिवार कर्जदार बन चुका है । भूरियाली ढाणी भोपालगढ़ में निवास करने  वाले पिता रामप्रकाश टाक की कमाई का एकमात्र जरिया आटा चक्की की दुकान है वो भी बेटी के बीमारी के कारण ज्यादातर  बंद रहती है। बीमारी बेटी के पिता की बाजार में आटा चक्की की दुकान है । जो कि इस परिवार की आजीविका का एकमात्र स्रोत है , लेकिन बेटी की बीमारी के चलते पिछले तीन वर्षों में कभी कभार ही खुल पाती है । जिस कारण से उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत चिंताजनक बन गई । पिछले तीन साल से बड़ी बेटी रामकंवरी उम्र 22 वर्ष का इलाज करवाते करवाते कंगाल हो चुके हैं । रामकंवरी के खून में इंफेक्शन होने से लीवर में खराबी एवॉल में रिसाव होने से उनकी दोनों किडनियां खराब हो गई है । जिसके चलते उनके शरीर में खून बनना बंद हो गया और पीड़िता को हर दूसरे दिन डायलिसिस करवाना पड़ता है । हर डाइलेसिस पर एक यूनिट रक्त भी चढ़ता है। इसीके चलते उनका पिता रामप्रकाश अब तक लाखों रुपए बेटी के इलाज में खर्च कर चुके हैं ।

बेटी की बीमारी से टूटे पिता के अरमान

रामप्रकाश का सपना था कि मेरी बेटी पढ़ लिख कर कामयाब बन कर परिवार और समाज का नाम रोशन करे और उनका अच्छे परिवार में रिश्ता हो , लेकिन बीमारी के चलते उनके सारे अरमान धूमिल हो गए । क्योंकि किडनी की बीमारी होने से उनकी बेटी की बीच में ही स्नातक की पढ़ाई अधूरी छुट्ट गई।

बिना आमदनी कैसे निभाएं जिम्मेदारी

रामप्रकाश परिवार का मुखिया होने के नाते उनकी जिम्मेदारियां भी ज्यादा है।  उनके परिवार में पति – पत्नी के अलावा एक पुत्र और चार लड़कियां हैं और वे सभी पढ़ाई करते हैं , लेकिन बेटी की बीमारी एवं बंद पड़ी दुकान के चलते पूरे परिवार का गुजारा भी बड़ी मुश्किल से चल रहा है । ऐसे में वो  बिना आमदनी बेटी का इलाज और बच्चों की पढ़ाई कैसे संभव हो पाएगी ।

परिवार ने लगाई मदद की गुहार

पिता एवम माता अपनी बेटी के लिए किडनी देने को तैयार है लेकिन किडनी ट्रांसलेट करने में भारी भरकम राशि लगती हैं।डॉक्टर ने  किडनी ट्रांसलेट के करीबन सात आठ लाख रुपए खर्च बताए।पिता पहले ही बेटी की बीमारी में सारी पूंजी लगा चुका है।ऐसे में परिवार वालो ने  सोशल मीडिया पर आर्थिक सहायता की  गुहार लगाई है। रामप्रकाश टाक

अकाउंट नंबर -40318282840 

आईएफएससी कोड – SBIN0032035

फोन पे & गूगल पे 

8384946861

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