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जोधपुर में अस्पताल से निकलते ही दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा अफीम तस्करी का सरगना

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नारद जोधपुर। मणिपुर से अफीम की खेप लेकर देश की राजधानी और अन्य राज्यों में तस्करी करने वाली एक गैंग के तीन सदस्य दिल्ली पुलिस की पकड़ में आए हैं। ये तीनों जोधपुर के है और अंतरराज्जीय गैंग के रूप में काम कर रहे थे। दिल्ली में पहले गैंग के दो सदस्य 4 करोड़ (अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत) की अफीम के साथ पकड़े गए। यह खबर मिलते ही गैंग का सरगना जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती हो गया। दिल्ली पुलिस इसकी तलाश में जोधपुर में डेरा डाले हुए थी। जैसे ही सरगना अस्पताल से निकला, दिल्ली पुलिस ने धरदबोचा। सर्च वारंट हासिल कर इसके घर की तलाश ली तो तीन किलो अफीम बरामद हुई।

बीते दिनों दिल्ली स्पेशल पुलिस को सूचना मिली थी कि मादक पदार्थों की तस्करी में लगे दो व्यक्ति राजस्थान नंबर की कार में दिल्ली पहुंचे हैं। इनके पास अफीम की खेप है। डिलीवरी नोएडा लिंक रोड, क्राउन प्लाजा होटल, मयूर विहार-I, दिल्ली के पास होनी थी। दिल्ली स्पेशल पुलिस ने टीम बनाई और छापेमारी की तैयारी कर ली। जैसे ही राजस्थान नंबर की कार वहां पहुंची, पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। कार में अमराराम व भानाराम चौधरी सवार थे। कार की जांच की तो टायर के पास चैसिस में गुप्त जगह बनाकर टायर फेंडर लाइनर से 40 किलो अफीम ढकी हुई थी। पूछताछ में बताया कि ये लोग जोधपुर निवासी भल्लाराम के लिए काम करते हैं। यह भी बताया कि एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। दोनों आरोपियों ने भल्लाराम के बारे में जानकारी दी कि वह जोधपुर में ही है। इस पर दिल्ली पुलिस जोधपुर पहुंची। पूछताछ करने पर यह पता चला कि भल्ला राम को 11 सितंबर को शाम 6.40 बजे जोधपुर के ही एक अस्पताल में भर्ती हुआ है। वह इसलिए कि पुलिस ने उसकी गैंग के सदस्यों को पकड़ लिया था और उनके फोन पहुंच से बाहर हो गए थे। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही भल्ला राम को इस मामले गिरफ्तार कर लिया गया।

पहले जीजा के लिए काम किया, फिर खुद संभाली सत्ता

दरअसल, भल्ला राम ने खुलासा किया कि वह एक अंतरराज्यीय ड्रग गैंग संचालित करता था और पिछले छह वर्षों से मादक पदार्थों की तस्करी में लगा हुआ था। उसने शुरुआत में अपने बहनोई जयराम के लिए काम किया और इस अवधि के दौरान, उसने मणिपुर, नागालैंड और असम में अफीम सप्लायर्स के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, राजस्थान और चंडीगढ़ में अफीम खरीददारों के साथ संबंध स्थापित किए। जब 2021 में जयराम को गिरफ्तार कर लिया गया तो उसने भल्लाराम को अपना खुद का नेटवर्क स्थापित करने के लिए रास्ता दिखाया था।

मणिपुर से खरीदते, 50 हजार किलो के मुनाफे से दूसरे राज्यों में बेचते

अमरा राम और भाना राम ने भल्ला राम द्वारा संचालित एक अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्करी गिराेह का हिस्सा होने की बात कबूल करते हुए पुलिस को बताया कि उन्हें मणिपुर में विभिन्न व्यक्तियों से अफीम की सप्लाई मिलती थी। वे भल्ला राम के निर्देशानुसार मेघालय, नागालैंड और असम और बाद में उनके निर्देश के अनुसार इसे दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, राजस्थान और चंडीगढ़ में विभिन्न व्यक्तियों को बेच देते थे। खरीद प्रति किलो 1.10 लाख रुपए में करते थे और 1.60 लाख रुपए के भाव से बेच देते थे।

Opium smuggling kingpin caught by Delhi Police as soon as he left the hospital in Jodhpur

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