नारद जोधपुर। इस वर्ष के अंत में राजस्थान(Rajasthan), मध्य प्रदेश व छतीसगढ़ सहित पांच राज्यों में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव (Election) के लिए भाजपा (BJP) ने अपने कुछ उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर बाजी मार ली है। इस सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने पाटन सीट से मौजूदा सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) को उनके घर में घेरने की रणनीति के तहत मौजूदा सांसद व केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत पर पार्टी दाव खेल सकती है।
कांग्रेस (Congress) हमेशा दावा करती रही कि इस बार पार्टी अपने उम्मीदवारों की सूची पहले जारी कर देगी, लेकिन हमेशा चुनावी मोड में रहने के लिए ख्यात भाजपा संगठन ने मध्यप्रदेश में 39 और छतीसगढ़ के 21 उम्मीदवारों की अपनी सूची जारी कर दी। अब भाजपा की राजस्थान में पहली सूची जारी होने का बेसब्री से इंतजार है। भाजपा ने छतीसगढ़ में काफी मजबूत माने जाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की परम्परागत सीट पाटन से सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। यदि इसे संकेत माना जाए तो जोधपुर में भी गहलोत के खिलाफ पार्टी मजबूत प्रत्याशी मौैदान में उतार सकती है।
तो हो सकता है शेखावत और गहलोत का मुकाबला
भाजपा का प्रयास रहेगा कि बघेल के समान ही गहलोत को उनके घर में ही घेर कर व्यस्त रखा जाए ताकि वे अन्य सीटों पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित नहीं कर सके। छतीसगढ़ की तर्ज पर यदि पार्टी ने गहलोत के खिलाफ प्रत्याशी चयन किया तो शेखावत से अधिक मजबूत प्रत्याशी उनके पास है नहीं। यदि शेखावत मैदान में उतरते है तो इसमें कोई दो राय नहीं प्रदेश की सबसे हॉट सीट सरदारपुरा ही होगी। इस सीट पर बेहद रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। वैसे भी शेखावत इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने की फिराक में है और अपने लिए एक सीट की तलाश में है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि भाजपा शेखावत पर दाव खेलती है या नहीं।
गहलोत के खिलाफ सबसे अधिक मुखर
जोधपुर के सांसद केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत इस बार भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री की रेस में शामिल नेताओं में अग्रणी है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का निकटस्थ माना जाता है। प्रदेश में भाजपा के सभी नेताओं में से शेखावत ही एकमात्र नेता है जिन्होंने हमेशा गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले रखा। गहलोत के खिलाफ वे सबसे अधिक मुखर रहे। उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों से लेकर कानून व्यवस्था तक को लेकर लगातार गहलोत पर हमले बोले।
गहलोत के पुत्र को हरा बने सांसद
गत लोकसभा चुनाव में जोधपुर संसदीय क्षेत्र में गजेन्द्रसिंह शेखावत का मुकाबला अशोक गहलोत के पुत्र वैभव से था। अशोक गहलोत ने अपने पुत्र को जिताने के लिए पूरा जोर लगा दिया. उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक कौशल का उपयोग किया। इसके बावजूद गजेन्द्र सिंह ने रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की।
दूसरे सांसद राजेन्द्र गहलोत को आजमा चुकी है भाजपा
जोधपुर से एक और सांसद है राज्यसभा सदस्य राजेन्द्र गहलोत। पार्टी उन्हें वर्ष 2008 में गहलोत के खिलाफ आजमा चुकी है। माली समाज के दो नेताओं के बीच हुए इस मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र गहलोत को 15,340 मत से हार का सामना करना पड़ा था।
यह है जातीय समीकरण
सरदारपुरा विदानसभा सीट माली बहुल्य मानी जाती है। यहां पर अब तक हुए तेरह विदानसभा चुनाव में 12 बार माली जाति के विधायक चुने गए। इनमें से अशोक गहलोत पांच बार जीत हासिल कर चुके है। जबकि एक बार उन्हें वर्ष 1977 में यहां से हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर राजपूत व अल्पसंख्यक के अलावा जाट, वैश्य और ओबीसी मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है।